Amarjit Chohan Family murder Case : ब्रिटेन मे 5 भारतीयो के कत्ल हुवे थे और ब्रिटेन के पुलिसने इस केस मे लापरवाही दिखाई थी ।

Amarjit Chohan Family murder Case : ब्रिटेन मे भारतीय मूल के परिवार का कत्ल होता है , और ये केस ब्रिटन के इतिहास के सबसे खर्चिले केस मे से एक बन जाता है ।

तो  नमस्कार दोस्तो ब्रिटेन मे एक भारतीय विख्यात कारोबारी और उनके परिवार का कत्ल हो जाता है और ब्रिटेन की पुलिस पहले तो कैसे इस केस को लापरवाही से जाच करती है और फिर कैसे कत्ल की पूरी कहानी सामने आती है । आज की इस Amarjit Chohan Family murder Case के कत्ल की कहानी मे ।

कहानिकी शुरवात ।

कहानी 2003 की है |

वेस्ट लंदन में एक भारतीय परिवार रहा करता था। इस परिवार के मुखिया का नाम था अमरजीत चौहान(Amarjit Chohan)

उम्र करीब 38- 40 साल की होगी। अमरजीत चौहान(Amarjit Chohan)की एक पत्नी , जिनका नाम नैन्सी(Nancy) और इनके दो बच्चे थे, एक बेटे की उम्र सिर्फ 18 महीने यानी डेढ़ साल और दूसरा आठ हफ्तों का हुआ था। यानी दो महीने का था।

Amarjit Chohan Family murder Case

(अमरजीत चौहान(Amarjit Chohan) का परिवार )

अमरजीत चौहान(Amarjit Chohan)चौहान(Amarjit Chohan)और नैन्सी(Nancy)(Nancy) का परिवार भारत के पंजाब का रहने वाला था।और इसके बाद वो बिज़नेस के सिलसिले में अमरजीत चौहान(Amarjit Chohan)लंदन पहुंचा। काफी वर्षों से वहाँ था और उसने वहाँ एक सामान की डिलिवरी करने की एक कंपनी खोली थी। मतलब गुड्स ट्रांसपोर्ट ।

वेस्ट लंदन में। सीबा नाम की यह कंपनी थी CIBA । और ठीक ठाक सब कुछ जिंदगी चल रही थी।

(CIBA कंपनी की जगह जहा अमरजीत चौहान को आखरीबार जिंदा देखा गया था)

अमरजीत चौहान(Amarjit Chohan)खुश था। नैन्सी(Nancy) को पाकर अपने दो बच्चों को पाकर। और कंपनी फाइनैंशली सब कुछ ठीक चल रहा था नैन्सी(Nancy) की माँ थी।जिनका नाम है चरणजीत कौर। नैन्सी(Nancy) का दूसरा बेटा अभी आठ हफ्ते का हुआ था, यानि उसने दो महीने पहलेही दूसरे बेटे को जन्म दिया था , तो वो अकेली थी। तो उसकी मदत के लिए चरणजीत कौर लंदन जाती है ,

तो घर मे नैन्सी(Nancy) के दो बेटे, नैन्सी(Nancy) की माँ और अमरजीत, ये पांच लोग थे। नैन्सी(Nancy) का एक भाई जिसका नाम ओंकार  वर्मा ये न्यूजीलैंड में जॉब करता है और अक्सर भाई बहन में बहुत प्यार था तो वह लगभग हर दूसरे दिन कॉल किया करते थे। एक दूसरे को फोन पर बात कर एक दूसरे का हाल जानते थे।

14 फरवरी को ओंकार वर्मा अपनी बहन नैन्सी(Nancy) को फ़ोन करता है। लेकिन जब फोन करता तो नैन्सी(Nancy) उधर से घबराई हुई है। वो पूछता है क्या हुआ बहन?

नैन्सी(Nancy)

तो नैन्सी(Nancy) बताती है कि यह पहली बार ऐसा हुआ है की तुम्हारे जो जीजा हैं। अमरजीत चौहान(Amarjit Chohan) ऑफिस के लिए सुबह से निकले थे, घर नही लोटे पूरी रात।

13 फरवरी को ऑफिस गए तो उसके बाद लौटें नहीं तो ओंकार भी हैरान होता है ओंकार कहता है की पूरा दिन होगया और तुमने मौजे बताया नहीं, तब नैन्सी(Nancy) कहती है की मुझे लगा कि शायद कहीं होंगे, लौटाएंगे पर और दूसरी बात ये है की जब मैंने ऑफिस में पता किया तो वहाँ पे लोगों ने ये बताया की वो किसी काम से हॉलंड चले गए।

पहले है परेशान नहीं थी जब मुजसे ये बोला गया की वो हॉलैंड गये है तो मै परेशान हो गयी। इसलिए की अमरजीत चौहान(Amarjit Chohan)ने कभी घर में इस बात का जिक्र नहीं किया कि वो हॉलैंड जा रहे हैं और अगर कहीं भी वो जाते हैं तो घर में सबको बताकर जाते हैं। दूसरा उससे भी जो बड़ी परेशानी है की उन्होंने अपना पासपोर्ट जमा कर रखा था। वहाँ के होम डिपार्टमेंट में किसी वजह से

तो मुझे मालूम है वो पासपोर्ट वहाँ जमा है और बिना पासपोर्ट के वो हॉलैंड कैसे जा सकते हैं? इसलिए मुझे अब परेशानी हो रही है और फिक्र हो रही है। ओंकार अपने दोस्तों को इधर उधर बताता है जो लंदन में थे 14 फरवरी पूरा बीत जाता है। इसी दौरान में अब 15 फरवरी की तारीख आ जाती है। अब 15 फरवरी को ओंकार फिर फोन करता है। अब नैन्सी(Nancy) का मोबाइल बंद।

अब घर में कोई फ़ोन नहीं उठा रहा है। भाई परेशान, ये क्या मामला है तो वह अपने जानने वालों को उनको ब्रिटेन में खबर कर देता है । तो वो लोग पता करते हैं, ऑफिस जाते हैं। जब ऑफिस जाते हैं तो ऑफिस मै ऊनको एक नई , चीज़ पता चलती है। पता चलता है की अमरजीत चौहान(Amarjit Chohan) 13 फरवरी को ऑफिस आया और उसने एक लेटर दिया पूरे कंपनी को और उसने कहा कि में ब्रिटेन से अब उब गया हूँ और मै अपने परिवार के साथ भारत वापस लोट रहा हूँ और ये कंपनी मैंने बेच दी है। अब आपके नए मालिक

कोई और होंगे और उस लेटर में बकायदा उसने नए मालिक का नाम लिखा। नीचे साइन था, लेकिन पूरा लेटर कंप्यूटर से टाइप किया हुआ था । कंपनी वालों को भी लगा कि ये क्या है क्योंकि अक्सर अमरजीत चौहान(Amarjit Chohan)अपने हतोसे लेटर लिखा कराते थे ,

अच्छा इस दौरान में नैन्सी(Nancy) ने भाईसे फ़ोन पे बात की 14 तारीख को तो उसने कहा एक तो हॉलैंड गये उसकी फिक्र हो रही है। फिर उसने कहा की एक मेरे पास voice मैसेज आया तो voice मेसेज से भी मै डर गई तो उसने पूछा ऐसा क्या था उस मैसेज मे ? तो उसमे अमरजीत चौहान(Amarjit Chohan)कहा कि मै किसी जरूरी काम से ब्रिटेन के बाहर आ गया हूँ, परेशान मत होना।, फिर उसने गहराई से सोचा तो उसने कहा की ये सारा वॉइस मैसेज उसने इंग्लिश में रिकॉर्ड करके भेजा था।

नैन्सी(Nancy) का कहना था कि कभी भी हम अमरजीत चौहान(Amarjit Chohan) जब अपने घर में बिबी बच्चे, सास, भाई, बहन किसी से बात करता था तो वो पंजाबी में बात किया करता था। तो बीबी को ये बात बहुत अजीब लगी हैं की, वॉइस मैसेज इंग्लिश में क्यों? पहली बार ऐसा था एक तो हॉलैंड बिना बताए जाना ऊपर से वाइस मैसेज इंग्लिश में उसे शक हुआ। तो उसने अपने भाई से ये बात बताई लेकिन 15 तारीख से फिर नैन्सी(Nancy) का भी मोबाइल बंद आ रहा था। अब इधर।

जब लोगों को फोन किया और भाई ने न्यूजीलैंड से फिर पुलिस को फोन किया। उसने कहा कि मेरी बहन का मोबाइल स्विच ऑफ है। मेरे जीजा गायब है तो पुलिस ने फौरन ऐक्शन लिया, वो घर गई तो देखा ताला लगा हुआ है। पुलिस वापस लौट पोलिस के पास ऑफिस का पता था वो पुलिस ऑफिस पहुंची, वहाँ जाने के बाद पता चला कि अमरजीत चौहान(Amarjit Chohan)ने ये कंपनी किसी और को बेच दी है और बेचने के बाद वो वहाँ से चला गया। पुलिस ने सारे कागजात देखे जो सारे कागजात थे, लेन देन के और ये सारी चीजे सब ओरिजिनल थे, साइन भी आरिजिनल अमरजीत चौहान(Amarjit Chohan)के।

तो पुलिस ने , क्लीन चिट दे दी कि इसमें कोई घपला नहीं है। यह कंपनी कायदे से बिकी है और सारे डॉक्यूमेंट्स जो है ओरिजिनल है। तो इसके बाद जब यह हो गया और पुलिस ने फिर यही कहा की शायद तुम्हारा परिवार भारत चला गया हो, अब उधर ओंकार को परेशान है की इधर कंपनी बेच दी परिवार गायब है।

उसने फिर इंडिया में संपर्क किया। अपने रिश्तेदारों से की उनका परिवार वह आया है क्या ? तो पता चला यहाँ तो कोई आया ही नहीं, अब उसको ज्यादा फिक्र होने लगी। इधर जब कंपनी बीकी और लगा के उसी में कुछ हो सकता है लेकिन पुलिस ने क्लीन चिट दे दी की ये तो कायदे कानून के दायरे में बिकी है तो पुलिस भी अब इस केस को ढिलाई के साथ देखने लगी। पुलिसको लगा की ये फैमिली चली गई हे ब्रिटेन छोड़कर ।

अब पुलिस कुछ कर नहीं रही, ओंकार उधर परेशान दिन बीतते जा रहे हैं और पूरे परिवार का पता नहीं, एक परिवार के पांच लोग एक साथ गायब है। लंदन जैसे शहर मे से। पुलिस के रवैये से पूरी तरह से मायूस होकर आखिरकार ओंकरने तय किया की वो न्यूज़ीलैंड से लंदन जाएगा।

ओंकार लंदन आया और पुलिस की जाच फिर से शुरू । 

5 मार्च 2003 को मतलब करीब करीब 20 दिन के बाद गुमशुदगी के ओंकार लंदन पहुंचता है। लंदन आने के बाद वो पुलिस को सारी चीजें बताता है पर पुलिस यही कहती है की अमरजीत चौहान(Amarjit Chohan)कंपनीको बेच के चले गए तुम इंडिया में पता करो।

वह फिर ओंकार लंदन मे अपने लोगों को इकट्ठा करता है । ओंकार और पुलिस पर दबाव बनाता है। कुछ ऐसे भारतीय बड़े ओहदे पर लोग थे फिर वहाँ तक पहुंचता है। तो इसके बाद पुलिस पर दबाव बनता है । फिर पुलिस कहती है की अच्छा ठीक है, हम इसको फिर से जांच करते हैं, अब जब पुलिस ने जांच फिर से शुरू की, घर से ही शुरुआत करते हैं।

अभी तक पुलिस घर नहीं गई है। अब पहली बार ओंकार के दबाव में आकर पुलिस इस मामले की दोबारा जांच करती है और घर पहुंचती है, ओंकार साथ में था,जब पुलिस घर गई घर का मंजर ये था की । के वॉशरूम के वॉशिंग मशीन मे कपड़े रखे हुए हैं। गीले ऐसे थे की लग रहा था की कोई धुलने की तैयारी में था। टेबल पर खाना पड़ा हुआ है, फ्रिज में भी खाना रखा हुआ है, और सारी चीजे बच्चों के कपड़े, पैसे, डॉक्यूमेंट्स।

क्योंकि सास चरणजीत कौर जो अमरजीत चौहान(Amarjit Chohan)की वहाँ पहुंची थी तो उनका रिटर्न टिकट भी था, इंडिया का वो रिटर्न टिकिट वो सारी चीजें मौजूद हैं। अब सवाल ये है की वो ऐसे कैसे इंडिया जा सकती है ?

(सास चरणजीत कौर)

हर जरूरत की चीजें उस घर में मौजूद थीं। अगर कोई सफर पर निकलता है तो वो अपने साथ सफर की सारी चिजे ले जाता है। उन चीजों को देखा सब कुछ लेकिन जीस चीज़ ने सबसे ज्यादा ओंकार को परेशान किया वो ये था। की टेबल पर गुरु ग्रंथ साहाब रखा हुआ था ।

ओंकार ने पुलिसवालों से कहा कि मेरी माँ चरणजीत कौर चाहे कही भी हो। वो जिंदगी में अपने साथ कोई भी चीज ले जाना भूल जाएं,पर गुरु ग्रंथ साहब कभी अपने से अलग नहीं करती, वो हमेशा उसके पास होता है, चाहे कैसे भी हालात हों और ये गुरु ग्रंथ साहब, इस टेबल पर पड़ा होना, इसका मतलब है की कुछ गडबड है।

अब पुलिस को यह बात समझ में आती है कि कुछ गडबड हुआ है। इसके बाद, पुलिस जो है अब कहती है की आगे की तफ्तीश करते हैं।पुलिस फिर से ऑफिस जाती है। फिर से सारे लेटर्स की तफ्तीश करती है। लेकिन फिर वो मिलता है साइन किया हुआ कि मै कंपनी बेच रहा हूँ और। अब वहाँ पर एक कंपनी का नया मालिक हैं। वो जो है उसको ऑपरेट कर रहा है तो पुलिस के हाथ कुछ आया नहीं।

आखिरकार इस केस को दर्ज करने के बाद दोबारा ओंकार के जब वो 5 मार्च को वह पहुंचा। तो दो तीन हफ्ते के बाद 21 मार्च 2003 को वेस्ट लंदन पुलिस ने इस केस को स्कॉटलैंड यार्ड सिरिअस क्राइम ब्रांच को सौंप दिया। जो ऐसे मामलों को देखती है जिसमें उनकी एक्स्पर्ट ही है।

अब ये केस स्कॉटलैंड यार्ड सिरिअस क्राइम ब्रांच के पास । 

तो अब यह मामला जो है स्कॉटलैंड यार्ड देख रही है। लोकल पुलिस से वो अपनी तफ्तीश अब करते हैं, अब तफ्तीश कर रहे होते हैं। उन्हें भी कुछ नहीं मिलता। 21 मार्च को यह केस लिया था अप्रैल का महीना आ गया, अब गायब हुए फरवरी में गायब हुए थे 13 को उसके बाद।

15 को नैन्सि से गायब थी। तो उधर फरवरी बीता फिर मार्च बीता, अब अप्रैल आ गया। पुलिस की इधर टीम इंडिया में पता करती है जो स्कॉटलैंड यार्ड की यहाँ पे ये लोग पहुंचे है की नहीं अपनी भारतीय एजेंसियों से मदद ली जाती है। सीबीआइ से तो यहाँ पूरे गांव जाया जाता है। पता किया जाता है पता चला कि उस पांच लोगों में से एक भी यहाँ नहीं पहुंचा।

तो आखिर ये लोग गए कहाँ? पूरा एक परिवार कैसे गायब हो गया? अबे स्कॉटलैंड यार्ड अभी इसमें तफ्तीशी कर रही थीं कि अप्रैल सेकंड हाफ में अचानक एक खबर मिलती है स्कॉटलैंड यार्ड को। समन्दर किनारे एक लाश मिली है मछुवारों को, उस लाश की शिनाख्त की जाती है, कोई और मिलता नहीं है।

अब ये केस था की एक परिवार गायब है। हर तरफ इन्फॉर्मेशन दी गयी थी तो वो ओंकार को बुलाते है । पानी में रहकर लाश फूल चुकी थी लेकिन फिर भी कुछ चीजों से वो पहचान लेता है और कहता है की ये उसके जीजा अमरजीत चौहान(Amarjit Chohan) चौहान, की लाश है ।

अब जैसे ही यह पता चलता है कि ये अमरजीत चौहान(Amarjit Chohan)की लाश है तो पूरी कहानी पलट जाती है। जो दो ढाई महीने से एक परिवार गायब है तो तीन पीढ़ियां है उस परिवार मै दादी है । पोता है, इधर दामाद है, बेटी है। और पांचों गायब है और करीब तीन महीने के बाद उनमें से एक की लाश मिलते हैं। समुद्र से अब लगता है की ये मामला गडबड है। अब इसके बाद पोलिस

उसी ऑफिस में फिर पहुंचती है उस कंपनी में जो कंपनी अमरजीत चौहान(Amarjit Chohan) चौहान की थी और जिसे ठीक गायब होणे से पहले उसने अचानक बेचा था और ओंकार के हिसाब से कभी उसके जीजा ने इस बारे में जिक्र नहीं किया। नेन्सी ने भी जिक्र नहीं किया तो बार बार ये शक हो रहा था की 24 घंटे के अंदर कंपनी बेचकर और उसके बाद से ही गायब है।

कंपनी के नए मालिक का नाम और उसका इतिहास  । 

तब स्कॉटलैंड यार्ड की टीम उसी कंपनी के नए मालिक से मिलती है। जाकर सारे पेपर फिर से देखती है। नए मालिक का नाम था केनेथ रीगन(Kenneth Regan) । पुलिस केनेथ रीगन(Kenneth Regan) से पहले ही पूछताछ कर चुकी थी, लेकिन जब यह स्कॉटलैंड यार्ड केनेथ रीगन(Kenneth Regan) से पूछताछ करती है।

तो उसकी कुंडली खंगालती है। जब कुंडली खंगालती है तो बहुत सारी चौंकाने वाली चीजें सामने आती है । पता चला कि केनेथ रीगन(Kenneth Regan) ब्रिटेन का एक कुख्यात ड्रग माफिया था

Amarjit Chohan Family murder Case

केनेथ रीगन(Kenneth Regan)

1980’s और 90’s के दौर में। वो ब्रिटेन का एक बड़ा न सिर्फ ड्रग माफिया था। वो ह्यूमन ट्रैफिकिंग केस में फेक पासपोर्ट बनाने में। उसका बहुत बड़ा रोल रहा करता था । एक बार उसके पास से बहुत बड़ी मात्रा मे ड्रग्ज मिली थी इसके बाद उस पे मुकदमा चला।

कहते हैं कि उस केस में जीस मात्रा में ड्रग्स पकड़ी गई थी और उसको पकड़े जाने के दौरान पुलिस वालों ने उसको जब चेस किया था तो उसने पुलिसवालों को जखमी कर दिया था तो पुलिसवालों को घायल करना और इतनी बड़ी मात्रा में ड्रग्स पकड़ा ना इन सब के लिए उसे कम से कम।

20 साल की सजा तय थी। कोर्ट में जब बहस हुई और सस को लग गया कि अब उसे ये सजा होगी तब उसने कोर्ट के सामने एक प्रस्ताव की, उसने कहा कि मैं इस ड्रग्स सिंडिकेट से जुड़े बाकी लोगों को पकड़वा सकता हूँ ,तो फिर वहाँ की पुलिस और बाकी लोगों ने भी कहा ठीक और फिर उसकी निशानदेही पर 15 से ज्यादा बड़े बड़े ड्रग माफिया पकड़े गए। ब्रिटेन में और बहुत बड़ी तादाद में कोकेन और बाकी वीजे पकड़ी गई तो लगा कि उसकी इन्फॉर्मेशन सही है।

इसके बाद उसकी सजा को 8 साल कर दिया गया, घटाकर। लेकिन फिर उसने कुछ और पुलिस की मदद की, तब वो कुल मिलाकर 3 साल ही जेल मे रहा । और 3 साल जेल में रहने के बाद अदालत ने उसे छोड़ दिया। तो कुल मिलाकर 20 साल की जगह सिर्फ 3 साल की सजा काटकर। केनेथ रीगन(Kenneth Regan) जेल से बाहर आ जाता है

अब उसे पता है की उसकी जन को खतरा है दूसरी गैंग के लोगोसे और उसे पास तो पैसे भी नहीं है । इसी दौरान में अब उसने तय किया कि वो दोबारा अपने ड्रग्स का धंधा शुरू करेगा और उसको ब्रिटेन में और ब्रिटेन के बाहर भेजेगा, लेकिन उसके लिए पैसे चाहिए थे उसने सोचा क्या करें? इधर, इसी दौरान उसे अपने मुखबीर से एक चीज़

पता चलती की एक कंपनी सीबा के बारे में सीबा जो सामान यहासे वह भेजती है , उसकी कंपनी में अलग अलग सब तरह के सामान आते थे। खाने पीने, कपड़ा ये सारी चीजे होती थी। तौ इसका मालिक। और उस मालिक के बारे में उसे जानकारी मिली। अमरजीत चौहान(Amarjit Chohan) चौहान तो उसे पता चला कि अमनजीत चौहान बेसहारों की जरूरतमंदों की मदद करता है। तो केनेथ रीगन(Kenneth Regan) उसके पास एक बेसहारा बनकर उसके पास पोहचा और उसने कहा मुझे नौकरी की जरूरत है

केनेथ रीगन(Kenneth Regan) कंपनी हड़पने की फिराक मे । 

अमरजीत चौहान(Amarjit Chohan)उसको अपने कंपनी मे नौकरी दे दी , लेकिन उसका इरादा कुछ और था। वो चाहता था कि इस कंपनी को वो हड़प लें और इस कंपनी के जरिये वो अपने ड्रग्स का कारोबार करे। लेकिन कैसे हड़पे? और क्या करे? जाच के दौरान जब स्कॉटलैंड यार्ड के सामने की केनेथ रीगन(Kenneth Regan) की कुंडली सामने आई तो शक हुआ।

उसके बाद केनेथ रीगन(Kenneth Regan) को पहली बार ऑफिसियल हिरासत में लिया गया। अब उससे पूछताछ शुरू की वो पहले सी ही क्रिमिनल था। पूरी कोशिश करनेके बाद भी वो अपनी जुबान खोलने को तैयार नहीं था। वो बार बार यही कहता है की।

मैंने ये रूल रेग्युलेशन के हिसाब से ये कंपनी खरीदी है। आप पेपर देखे अब पेपर ये है की सारे टाइप पेपर है और साइन बिल्कुल ओरिजिनल है , केनेथ रीगन(Kenneth Regan) को बहुत ज्यादा दिनों तक कस्टडी में आप रख भी नहीं सकते थे। बिना सबूत के और सबूत वो उगलने को तैयार नहीं है। उसपे तमाम थर्ड डिग्री सब इस्तेमाल कर लिया स्कॉटलैंड ने, पर वो मुँह खोलने को तैयार नहीं।

अबे, स्कॉटलैंड यार्ड पोलिक को लगा की उनके हात खाली है ,अब ज्यादा देर तक केनेथ रीगन(Kenneth Regan) को हिरासत में रख नहीं सकते है और शायद अगले एक 2 दिन में रिहाई होगी , लेकिन तभी कहानी फिर पलटती है । 9thअप्रैल 2003 की तारीख आती है। 9 अप्रैल को स्कॉटलैंड यार्ड के एक अफसर के पास एक लड़की का फोन आता है

और जैसे ही यह फ़ोन आता है वो अफसर बाकी अपने टीम मेंबर को बताता है। इसके बाद केनेथ रीगन(Kenneth Regan) से फिर से पुचताछ होती है और उसके बाद इस बार सही खातिर करके।अब उससे पूछताछ होती है ।

इस बार जीस तरीके से उससे पूछताछ हुई। इसके बाद केनेथ रीगन(Kenneth Regan) के पास सच बोलने के अलावा कोई दूसरा रास्ता बचा नहीं था। और फिर वो सच बोलता है। और फिर पूरी कहानी सुनाता है

केनेथ रीगन(Kenneth Regan) पूरी कहानी सुनाई । 

वो बताता है कि जब वो जेल से बाहर आया उसे अपने ड्रग्स का कारोबार करना था और उसके बाद अमरजीत चौहान(Amarjit Chohan)चौहान के बारे में पता चला। उसने उसकी कंपनी में नौकरी की और उसे फिर पता चला कि अमरजीत चौहान(Amarjit Chohan)को दूसरा बेटा जब हुआ, उसके बाद वो अपने गांव वापस लौटना चाहता था और इंडिया में ही कुछ करना चाहता था।

तो इसलिए वो कंपनी बेचना चाहता था। तो उसे यह बात जब पता चली तब उसने जाल बिछाया और एक दिन उसने कहा कि में एक खरीदार को जानता हूँ, बहुत अच्छा आदमी तुम्हारी कंपनी की ठीक ठाक कीमत भी वो देगा । करीब उस वक्त कुछ मिलियन। के आसपास जो पौंड मै कंपनी बेचने की बात थी।

तो उसने कहा ठीक है तुम डील कराओ। 13 अप्रैल को। केनेथ रीगन(Kenneth Regan) ने , अपने दो दोस्तों के साथ। अमरजीत चौहान(Amarjit Chohan)चौहान को कहा कि आज वो खरीदार हमारे घर आ रहा है और वो उसकी शर्त यह है कि वो मेरे घर पे ही मीटिंग रखेगा।

13 तारीख को केनेथ रीगन(Kenneth Regan) के साथ उसके घर पहुँच गया। वहाँ दो दोस्त उसके पहले से उसका इंतजार कर रहे थे। जैसे हो वो वहाँ पहुंचा, उन्होंने उसको किडनैप कर लिया घर के अंदर। इसके बाद उसे बहुत मारा पीटा। और तमाम सारे कागज और जो लेन देन की बाकी चिजे होती है, उस पर उसके साइन करावा लिआ कि कंपनी अब हम बेच रहे हैं और इसका मालिक केनेथ रीगन(Kenneth Regan) है।

तो ये सारे उसने साइन जब करावा लिए इसके बाद फिर अमरजीत चौहान(Amarjit Chohan)का गला घोंटकर मार दिया। मारने के बाद अब ये था की चलो अब इस कंपनी पर अपना कब्ज़ा हो जाएगा। लेकिन फिर उसे लगा कि जब तक अमरजीत चौहान(Amarjit Chohan)चौहान के परिवार यहाँ है कल को चल के वो कंपनी पे दावा रख सकते है ,

तो उसने प्लेन बनाया कि अब अमरजीत चौहान(Amarjit Chohan)के परिवार को भी मारना पड़ेगा ,पहले उसने ये किया की एक तो सारे साइन काराये अमरजीत चौहान(Amarjit Chohan) से फिर उससे वाईस मेल रिकॉर्ड कराया और कहा कि में ब्रिटेन के बाहर हूँ, मैं आ जाऊंगा और उसने इंग्लिश में बोला। शायद अमरजीत चौहान(Amarjit Chohan)ने कोड समझाने के

लिए अपनी वाइफ को वो जानती थी की ये पंजाबी बोलता है इंग्लिश में बोल बोला उसने और वो भेज दिया। और इधर वहीं लेटर सारे कंपनी को फिर अगले दिन भेज दिया की हमने बेच दी है कंपनी और केनेथ रीगन(Kenneth Regan) अब इसका मालिक होगा। ये सब कर चुका था 15 फरवरी को अपने दोनों दोस्तों के साथ। उसके बाद वो नैन्सी(Nancy) के घर जाता है।

नैन्सी(Nancy) के दोनों बच्चों को 18 महीने और आठ महीने उनका गला घोंट कर मार देता है। नैन्सि को मारता है । फिर नैन्सी(Nancy) की माँ को मारता है। इसके बाद इन चारों की लाश को गाड़ी में रखता है। और फिरा इन लाश को लेकर वहाँ से दूर करीब 50 किलोमीटर की दूरी पर। एक। फार्म हाउस है, उस फार्म हाउस में गड्डा खोदकर दफना देता है । और उसके बाद वो ऑफिस आता है और वो अपना क्लेम करता है कि में मालिक हूँ। अब लाश का क्या हुआ? और वो फोन किसका था? उस लड़की का जिस लड़की के फोन के बाद पहली बार स्कॉटलैंड यार्ड ने |

रोनाल्ड रीगन की जुबान खुलवाई, तो इस की जो पूरी कहानी है, की जब इसने कत्ल किया, पहला पहला कतल करने के बाद , यह उस लाश को वहाँ से लेकर अपनी गाड़ी में गया। और फिर एक नाव में बैठा और नाव में बैठकर अमरजीत चौहान(Amarjit Chohan)की लाश को समंदर में बहा दिया। 2 दिन के बाद अमरजीत चौहान(Amarjit Chohan) की पत्नी, दोनों बेटे और सास का कतल किया। गाड़ी में रखा पर उनकी लाश को बहाय नहीं। वो उनको लेकर उसकी एक दोस्त थी। और उस दोस्त। का एक फार्म था बहुत बड़ा।

तो यह उस दोस्त के घर गया और उसे मालूम था की उसकी दोस्त उस फार्म पे नहीं है । उसके दोस्त का नाम था बिलिंडा। तो बिलिंडा के फॉर्म पे गया। वहाँ जाकर इन तीनों ने गड्ढे खोदे और फार्म हाउस के अंदर इन चारों की लाश दफना दी। दफनाने के बाद ये लोग वहाँ से निकल आए। बिलिंडा को पता भी नहीं चलाने वाला था । अब इधर हुआ क्या?

की दफनाने को दफना दिया, लेकिन केनेथ रीगन(Kenneth Regan) को लगा कि जीस तरीके से फार्म में उन्होंने खुदाई की है। वो जो ऊपरी हिस्सा है वो अलग से पता चल रहा है। घास हट चूके हैं, अब घास 2 दिन में तो उगे गी नहीं। तो उसे डर था कि बिलिंडा जब लोटेगी तो ये जो उलट पुलट हुआ ये पकड़ लेगी और ये पकड़ लेगी और अगर वहाँ पे खुदाई हुई तो लाशें निकली आएंगी तो ये लोग फंस जाएंगे। फिर इन तीनों ने तय किया कि एक काम करते हैं वहाँ से उस लाश को निकालते हैं और ले जाकर समुद्र में फेंक देते हैं ताकि पता ना चलें। —

अब उसके लिए लेकिन ये था की ये काम जल्दी करना है क्योंकि बिलिंडा अगर लौटाई तो फिर मुश्किल हो जाए गी । तो बिलिंडा से पता चला कि बिलिंडा भी एक 2 दिन के बाद लौटने वाली है। ये उसी एक 2 दिन के अंदर फिर पहुँच गये फॉर्म पे और वहाँ पे आकर इन्होंने खुदाई करनी शुरू की लाश निकालने के लिए।

अब इनकी बदनसीबी की ठीक उसी वक्त और वक्त से पहले बिलिंडा फॉर्म पे आ गयी। उसका काम खत्म हो चुका था। जब वो फॉर्म पे गई तो पहले तो उसने गाड़ी देखी फिर वो दबे पाव अंदर कई की किसी से मिलने मिलाने का तो मतलब नहीं है । तो दबे पांव जब वह फार्म के अंदर गई तो उसने देखा की तीन लोग गड्डा खोद रहे हैं।

अब वो एक बोट में होकर छुप गई। उसके बाद उसने देखा कि गट्टे के अंदर से एक एक कर लाशें निकल रही है। ये देखकर वो घबरा गई। वहाँ से उल्टे पैर भागती है। सोचती है अब क्या करूँ के केनेथ रीगन(Kenneth Regan) बारे में वो जानती थीं। इधर ये लोग इतनी देर में उन लाशों को निकालकर गाड़ी में डालते है और गाड़ी में डालने के बाद फिर एक नाव लेते हैं और नाव से ले जाकर समुद्र में फेंक देते हैं और वहाँ से निकल लेते। अब इधर अगले कुछ घंटों में।

जो । बिलिंडा थी वो थोड़ी सी नॉर्मल होती है, उसे अभी तक कुछ समझ में नहीं आ रहा है। कि तीन चार लाशें है, उसी के फॉर्म में निकल रहे हैं। वो सोच रही है की मै ना फंस जाऊं । पर जब वो थोड़ा सा कूल होती है, दो तीन घंटा बीत जाता तब उसे लगता है जो होगा सो होगा पुलिस को इनन्फर्म करना है। तब वो अपने एक दोस्त को फोन करती है और उस दोस्त के जरिए फिर।

स्कॉटलैण्ड यार्ड के एक अफसर का नंबर उसे मिलता है और वो उससे कॉल करती हैं। जब वो कॉल करती है और वो बताती हैं कि मैंने यहाँ रीगन और उसके दो दोस्तों को देखा है क्योंकि जानती थी और वो यहाँ पे मेरे फार्म से लाश निकालकर ले कर गया था । तब पुलिस फिर रीगन पर सख्ती करती और फिर वो अब जो कि उसके पास कोई रास्ता नहीं था और वो सच उगल देता है ।

पहली एक लाश तो मिल चुकी थी, अब समंदर में फेंका है। समंदर में लाश मिलने में बड़ी मुश्किल होती है, लेकिन फिर भी। नवंबर में। 2003 नैन्सि सी की माँ की लाश मछुआरों को मिलती है। मतलब फरवरी में फेंकी थी और नवंबर में जाकर फूली हुई लाश दिखी। मछुआरे गए थे जाल, उन्होंने डाला उस जाल में ये लाश फंसकर बाहर आ गयी थी।

साथी जो नैन्सी(Nancy) की लाश है, वो जुलाई के महीने में मिल गई थी। मछुआरों ने फिर जाल फेंका था और उस जाल में नेंसी की लाश फंस गयी थी।तो, नेन्सी और नैन्सी(Nancy) की माँ की लाश मिल गई। लेकिन दोनों बच्चों की लाश आज तक नहीं मिली

इसके बाद मुकदमा चला। मुकदमे के दोरान पुलिस ने सारे सबूत रखे और आखिरकार 2005 में 2004 में यह मुकदमे की शुरुआत हुई थी 2005 में कोर्ट ने।रेनथ को पांच लोगों के कत्तल के लिए ताउम्र उम्रकैद की सजा दी, जबकि उसके दो दोस्तों में से एक को 18 साल और एक को 12 साल । इसकी सजा दी। रौनक रेगइन के बारे में ये है की वो अभी जेल में है।

Amarjit Chohan Family murder Case

और ये पूरा इंसाफ यह पूरी लड़ाई इसलिए हुई क्योंकि ओमकार नैन्सि का जो भाई था, वो न्यूजीलैंड से जाकर उसने इंसाफ की लड़ाई लड़ी थी। इस पूरे केस पर कहते हैं करीब ₹100करोड का खर्चा हुआ था, 100 से ज्यादा पुलिसवालों की टीम लगी थी। और उस वक्त तमाम ब्रिटेन के अखबारों में ये हेड लाइन्स थी।

तो ये थी Amarjit Chohan Family murder Case के कत्ल की पूरी कहानी ।

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निष्कर्ष :

तो ये थी Amarjit Chohan Family murder Case के कत्ल की पूरी कहानी । जिसमे पहले तो पुलिस लापरवाही दिखती है ।
और ओंकार के दबाव से और उसकी कोशिशोसे उसके बहन के परिवार का कातिल पकड़ा जाता है और इंसाफ मिलता है ।

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